• Meghdutam, Monsoons and Mutton bhuni khichuri

    August 27, 2019Tanushree Bhowmik

    हे मेघ, मित्रता के कारण, अथवा मैं विरही हूँ इससे मेरे ऊपर दया करके यह अनुचित अनुरोध भी मानते हुए मेरा कार्य पूरा कर देना। फिर वर्षा ऋतु की शोभा लिये हुए मनचाहे स्थानों में विचरना। हे जलधर, तुम्हें अपनी प्रियतमा विद्युत् से क्षण-भर केलिए भी मेरे जैसा वियोग न सहना पड़े। O clouds, in…

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